दहेज प्रथा एक अभिशाप,
*जिसके कारण गयी एक और बेटी की जान*
क्या गरीब घर में जन्म लेना बेटियों के लिए पाप है ?
समाज में पनप रहे दहेज लोभियों को कब होगी बेटियों की फिक्र, या ऐसे ही करते रहेंग बेटियों पर अत्याचार, क्या हमारी न्यायपालिका से नही डरते दहेज लोभी ,
उतरौला (बलरामपुर) कोतवाली क्षेत्र इमिलिया बकसरिया मे विवाहिता की मारपीट कर हत्या किए जाने का आरोप परिवारजन ने लगाया है। मृतका के परिवारजन भी इसी गांव के निवासी हैं। घटना शनिवार को लगभग 2 बजे दिन की है।
कोतवाली उतरौला के बकसरिया इमलिया निवासी मोहम्मद सलीम पुत्र मासूक अली ने कोतवाली उतरौला में दिए गए, प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि भतीजी शहनाज 24 मेरे भाई मोहम्मद उमर की पुत्री की शादी लगभग 3 वर्ष पूर्व गांव के अशरफ पुत्र असलम के साथ हुआ था। भाई ने काफी दान दहेज भी दिया था। अशरफ व उसके पिता असलम पुत्र इमाम अली अकरम पुत्र असलम व ननद शहनाज पुत्री असलम मममन पत्नी असलम शादी में दिए गए दान से संतुष्ट नहीं थे। और शादी के बाद ही उपरोक्त लोग दहेज के लिए दो लाख रुपये नगद व यूनिकॉन मोटरसाइकिल की मांग करने लगे थे। और शहनाज को काफी प्रताड़ित करके मारते पीटते थे, जिसकी सूचना शहनाज मुझे व भाई को देती रही, किंतु प्रार्थी के भाई गरीब होने के कारण शहनाज को समझा-बुझाकर उसके ससुराल भेजते रहते थे।
शनिवार को आरोपियों ने प्रार्थी की भतीजी शहनाज को घर में बंद करके बुरी तरह से मारा-पीटा और गला दबाकर हत्या करने की प्रयास की। जिससे वह बेहोश हो गई। बेहोशी की हालत देखकर शहनाज को घर से बाहर निकाल कर उसे उतरौला के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने हालत गंभीर देखकर रेफर करके सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उतरौला में भेज दिया। वहां से डॉक्टरों ने बलरामपुर जिला अस्पताल में भेज दिया। जहां पर शहनाज की हालत गंभीर होते देखकर वहां के डॉक्टरों ने बहराइच के लिए रेफर कर दिया। बहराइच पहुंचने के आधे घंटे बाद दवा इलाज के दौरान शहनाज की मृत्यु हो गई। जिसमें पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर ने बहराइच पोस्टमार्टम हाउस को भेज दिया। जहां पर उसका पोस्टमार्टम हुआ। मृतका के माता पिता बैंगलोर में रहते थे। अपराध निरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि पांच आरोपियों पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है